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10/01/2024

C & W - आई सी एफ (ICF) कोच के ब्रेक पाइप के क्षतिग्रस्त होने पर कोच वायपास करने का तरीका


आई सी एफ (ICF) कोच के ब्रेक पाइप के क्षतिग्रस्त होने पर कोच बायपास करने का तरीका :-

मान लिया कि इंजन से कोच नम्बर 11 का ब्रेक पाइप/बी.पी. एंगल कॉक क्षतिग्रस्त हुआ है। अतः इस कोच को बायपास कपलर की सहायता से हमें बायपास करना है। बायपास कपलर पैंट्रीकार मैनेजर के पास/ ए.सी. कोच अटेंडेंट के पास / गार्ड के पास ब्रेकयान में उपलब्ध रहता है, जिसकी सूचना ब्रेक पावर सर्टीफिकेट में दी जाती है। एक कोच को बायपास करने के लिए दो बायपास कपलर की आवश्यकता होती है। कोच बायपास करने के लिए निम्नलिखितज प्रक्रिया ट्वीन पाइप एयर ब्रेक प्रणाली / एयर ब्रेक सवारी डिब्बों में अपनायी जाती है। ब्रेक पाइप/BP एंगल कॉक क्षतिग्रस्त होने पर ही बायपास किया जाता है। क्षतिग्रस्त कोच को बायपास करने के बाद पूरी ट्रेन सिंगल पाइप के साथ चलायी जाती है अर्थात इंजन का पिछला FP एंगल कॉक तथा पहले कोच का अगला FP एंगल कॉक को बंद कर देना चाहिए ।

• बायपास करने का तरीका
11 वां कोच में ब्रेक पाइप क्षतिग्रस्त हुआ है


1. एंगल कॉक बंद करना चाहिए -

A. सर्वप्रथम इंजन का पिछला FP एंगल कॉक तथा प्रथम कोच का अगला FP एंगल कॉक
B. 10 वां कोच का पिछला दोनों बी.पी. एवं एफ.पी. एंगल कॉक ।
C. 11 वां कोच के चारों एंगल कॉक ।
D. 12 वां कोच के अगले दोनों BP एवं FP एंगल कॉक ।

2) एअर होज अनकपल करना चाहिए

A. 10 वां एवं 11 वां कोच के बीच के जुड़े हुए सभी एअर होज को एक दुसरे से अनकपल करें।
B. 11 वां एवं 12 वां कोच के बीच के जुड़े हुए सभी एअर होज को एक दुसरे से अनकपल करें ।

3) बायपास कपलर जोड़ना चाहिए -

A. 10वां कोच के पिछले BP एअर होज से बायपास कपलर का BP पामहेड कपल करें तथा बायपास कपलर का FP पामहेड को 11 वां कोच के अगला FP एअर होज से कपल करें ।
B. 11वां कोच के पिछले FP एअर होज से बायपास कपलर का FP पामहेड कपल करें तथा बायपास कपलर का BP पाम हेड को 12 वां कोच के अगला BP एअर होज से कपल करे।

4) एंगल कॉक खोलना चाहिए.

निम्नलिखित क्रम में एंगल कॉक खोलें---

A- 12वां कोच के अगला BP एंगल कॉक।
B- 11वां कोच के पिछले FP एंगल कॉक।
C.- 11वां कोच के अगला FP एंगल कॉक।
D- 10वां कोच के पिछले BP एंगल कॉक।
5) 11 वां कोच को मैनुअली रिलीज एवं आइसोलेट करें तथा लटकते हुए एअर होज को सस्पेंसन ब्रैकेट / हुक में लटका दें।
6) इसके बाद एअर ब्रेक कंटीन्युटी टेस्ट लेकर ट्रेन का संचालन सिंगल पाइप से करें ।
7) इस घटना का प्रविष्टि BPC में करें तथा पूरे घटना का विवरण नियंत्रण कार्यालय को दे।



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