आज के युग में बिजली का प्रयोग हर घर में, वर्कशॉप, कारखानों, दफ्तरों, दुकानों में सब जगह होता है और इससे हमे बहुत लाभ होता है।लेकिन यह इतनी खतरनाक है कि जब हम लापरवाही और नासमझी से प्रयोग करते है तो हर वर्ष हजारो जाने इसी वजह से चली जाती है।
बिजली तीन प्रकार की होती है -
1. A.C. Current
2. D.C. Current
बिजली का धक्का उसकी शक्ति पर निर्भर करता है। घरो की बिजली की 110 से 220 वोल्ट तक होती है और कारखानों के 450 - 1100 से 400000 तक।रेलों में 1100 डीसी वोल्टेज होते है।
आमतौर पर हम सबका यह ख्याल है कि बिजली हमे पकड लेती है जबकि ऐसा नही है ।यहाँ थोडा समझने की बात है ।AC Current की चलने की गति एक सेकेंड में 50 Cls है ।कुछ चीजे सुचालक, कुछ कुचालक होती है ।
जैसे हमारा शरीर, गीला कपडा, गीली लकड़ी, धातु और उसके व्दारा बनी हुई वस्तुए आदि अब होता क्या है की हमारी लापरवाही से कई बार टूटे हुए स्विच, कटी हुई तार, बिजली के रेल की लाइने (पटरी) आदि पर जब हमारे शरीर का कोई नंगा अंग लगता है तो सुचालक होने के नाते बिजली का करंट उसमे से बहना आरंभ होकर धरती में जाता है और जितनी तेजी से वह बहता है (50 Cls.perSec.) उतनी ही तेजी से हमारे शरीर के खास अंगो जैसे हृदय, श्वसन क्रिया, जो एक मिनट में हृदय 72 बार और श्वास 18 बार चलते है, की बजाय उनको एक सेकण्ड में 50 बार चलना पड़ता है, जिससे वह इतनी जल्दी चल नही पाते और शीघ्र ही यह अंग अपना कार्य बंद कर देते है और मनुष्य मर जाता है ।
हां, यदि हम उस व्यक्ति को छुड़वाना चाहे तो कोई रस्सी - कशी नही करनी पड़ेगी यह नही की उधर से बिजली खीचेगी और इधर से हम जो बलवान होगा, वह जीत जाएगा - ऐसी बात बिलकुल नही है वह करंट इतना खतरनाक नही है ।
जो पेट के नीचे या टांगो पर लगे, क्योकि उस करंट का वेग नीचे पृथ्वी में जाता है इसके ऊपर के अंगो को क्षति नही होती ।
चिह्न और लक्षण -
1. जिसको करंट लगता है वह व्यक्ति अच्छी तरह से बोल नही पाता और बेहोश हो जाता है ।
2. उस के शरीर का हर जोड़ स्थिर हो जाता है ।
3.चेहरा और शरीर नीला पड़ना आरंभ हो जाता है ।
4. श्वासक्रिया खत्म होने लगती है ।
5. हाथ की नाडी कमजोर पड जाती है या खत्म होने लग्तीहाई ।
6. वह स्थान जल जाता है ।
फर्स्ट ऐड -
1.कभी भी अपने नंगे हाथो से रोगी के शरीर या उस के किसी भी नंगे हिस्सेया उसके पहने हुए गीले कपडे की न छुए या उसको अपने सरीर का कोई भी नंगा अंग ना लगावे, नही तो आप भी शिकार हो जाएगे ।
2. उस स्थान का स्विच या मेन स्विच फौरन बंद कर दे ।
3. यदि मेन स्विच या स्विच न मिले तो एक ओर से तार कट दे कैची या चाकू से न काटे ऐसी वस्तु ले जिसके पीछे लकड़ी का हत्था लगा हो और ऐसा भी न हो की आप ऐसी चीज ढूढने चले जाए जिससे देर लग जाए और रोगी चल बसे (यहाँ बहुत स्फुर्ति की आवश्यकता है) ।
4. अपने हाथो के ऊपर कोई सूखा कपडा या रबड़ के दस्ताने या अख़बार लपेटकर या कोई भी सूखी लकड़ी लेकर किसी भी सूखे कपडे, कम्बल, कोट, सूखी लकड़ी के तख्ते या अखबारो के गठ्ठे के ऊपर खड़े होकर उन तारो को हटा दे ।
5. किसी सूखी रस्सी, सूखी छड़ी (छाता नही ) से खींच ले या उसी के सूखे कपडे खींचे या कोई सूखा तकिता, गद्दी आदि से धक्का दे ।(अधिक जोर से नही)
6. फौरन डॉक्टर को बुलाए या अस्पताल ले जाए ।